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बकरी पालन कैसे करें? | बकरी पालन शुरू करने की पूरी गाइड

भारत में बकरी पालन यानि Bakri Pashupalan एक ऐसा व्यवसाय है जो कम लागत में शुरू होकर करोड़ों तक मुनाफ़ा दे सकता है। इसे गरीबों की गाय भी कहा जाता है क्योंकि इसका रख-रखाव आसान है, बीमारी कम होती है और बाजार में इसकी हमेशा मांग बनी रहती है।

बकरी पालन क्या है?

इसे कैसे शुरू करें?

कौन-कौन सी नस्लें सबसे बेहतर हैं?

शेड, चारे, दवाओं, टीकाकरण और खान-पान की पूरी जानकारी

बिज़नेस प्लान व मुनाफ़े का हिसाब

सरकारी योजनाएँ

शुरुआत करने वालों के लिए Tips


आइए शुरू करते हैं…

बकरी पालन क्या है? | What is Goat Farming?

बकरी पालन एक कृषि आधारित पशुपालन व्यवसाय है जिसमें दूध, मांस, ऊन और खाद के लिए बकरियों का पालन किया जाता है। भारत में इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है क्योंकि:

बकरी का मांस (चेवन/मटन) हर मौसम में बिकता है

दाम कभी कम नहीं होते

बकरी की देखभाल गाय-भैंस की तुलना में आसान और सस्ती है

बकरी हर तरह की जलवायु में जीवित रह सकती है

छोटे किसान भी इसे अपना सकते हैं

बकरी पालन क्यों करें? इसके फायदे

कम लागत – ज्यादा मुनाफ़ा

एक बकरी औसतन 2–3 बच्चे हर साल देती है।
20 बकरियों का छोटा फार्म भी साल में 3–5 लाख रुपये की कमाई करा सकता है।

बीमारियां कम

बकरी में टीबी, एफएमडी, पस्टोरेला जैसी बीमारियां जानवरों की तुलना में कम होती हैं।

दूध व मांस दोनों की मार्केट में डिमांड

बकरी का दूध औषधीय गुणों के कारण महंगा बिकता है।

छोटे किसान के लिए बेस्ट

कम जगह और कम चारे में भी बकरियाँ आसानी से पल जाती हैं।

बकरी पालन कैसे शुरू करें? Step-by-Step Guide

नीचे बकरी पालन शुरू करने के 10 मुख्य स्टेप बताए गए हैं।

सही लोकेशन चुनें

बकरी पालन के लिए स्थान ऐसा होना चाहिए जहाँ:

ऊँची और सूखी जमीन हो

पानी की सुविधा नजदीक हो

मार्केट या मटन मंडी पास हो

खुले में चराई का मौका मिले


कम से कम 500 से 1000 वर्ग फुट जगह 20–25 बकरियों के लिए पर्याप्त रहती है।

सही नस्ल का चुनाव करें

भारत में बकरी की कई नस्लें हैं, लेकिन कुछ नस्लें खेती और कमाई दोनों के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं।

भारत की 7 बेहतरीन नस्लें

नस्लविशेषताक्षेत्रसोझी (Sirohi)तेजी से वजन बढ़ता हैराजस्थानजमनापारीदूध और मांस दोनों के लिए बेस्टयूपीबरबरीछोटे आकार, लेकिन तेजी से बढ़ने वालीयूपी-हरियाणाबीटलअधिक दूध देने वालीपंजाबतलाङ्गानी/तेलीचरीगर्मी में भी जीवितदक्षिण भारतब्लैक बेंगलमांस की प्रीमियम क्वालिटीबंगालउस्मानाबादीकम बीमारी, ज्यादा उत्पादनमहाराष्ट्र

बिगिनर के लिए Sirohi, Barbari और Jamunapari सबसे अच्छी मानी जाती हैं।

शेड (Goat Shed) कैसे बनाएं?

बकरी पालन का सबसे बड़ा नियम है:
“बकरियों को सूखा और साफ रखें।”

✔ शेड बनाते समय ध्यान रखें:

जमीन ऊँची हो

मच्छर, कीड़े, नमी न हो

धूप और हवा दोनों का रास्ता हो

शेड में लकड़ी की फ्लोरिंग काफी बेहतर रहती है

नीचे 4–5 फीट ऊँचाई हो ताकि गोबर आसानी से गिर सके

शेड का आकार (20 बकरियों के लिए)

लम्बाई: 25 फीट

चौड़ाई: 12 फीट

ऊँचाई: 8–10 फीट

बकरियों का खाना

बकरी मूल रूप से ब्राउज़र होती है यानी झाड़ियों के पत्ते खाना पसंद करती है।
खाना तीन हिस्सों में बाँटना चाहिए:

1. हरा चारा (Green Fodder) – 40%

बरसीम

नेपियर घास

लूसर्न

अरहर पत्तियां


2. सूखा चारा (Dry Fodder) – 40%

भूसा

सूखी घास

चोकर


3. दाना/कंसन्ट्रेट – 20%

मक्का

सरसों खल

दाल चूरी

मिनरल मिक्स


Note: गर्भ वाली और दूध देने वाली बकरी को ज्यादा पोषक चारा दें।

पानी और साफ-सफाई

रोज साफ पानी दें

महीने में एक बार शेड डिसइन्फेक्ट करें

रोज सुबह-शाम गोबर साफ करें

बकरियों को नहलाना जरूरी नहीं लेकिन गर्मियों में स्प्रे कर सकते हैं

टीकाकरण और दवाएँ

बकरियों में कुछ टीके अनिवार्य होते हैं:

बीमारीटीकाअंतरालPPRसाल में 1 बारअनिवार्यFMD6 महीने में 1बहुत जरूरीET/Enterotoxemia6 महीने में 1जरूरीगोयट पॉक्ससाल में 1जरूरी

गर्भ वाली बकरी को अलग रखें और बकरी के बच्चों को जन्म के बाद कोलोस्ट्रम (पहला दूध) अवश्य दें।

मार्केटिंग

बकरियों को बेचने के तीन बड़े बाजार हैं:

✔ 1. मटन मार्केट

जीवित वजन के हिसाब से बिक्री (300–400 रु/किग्रा)

✔ 2. त्योहारी बाजार (Bakrid)

बकरे 800–1500 रु/किग्रा तक बिकते हैं।

✔ 3. ब्रीडिंग स्टॉक

उच्च नस्लों के बच्चे बहुत महंगे बिकते हैं।

मुनाफ़े का पूरा हिसाब (Profit Calculation)

20 बकरियों का छोटा फार्म

बकरियाँ: 20 × 7000 = 1,40,000

नर बकरा: 1 × 12,000 = 12,000

शेड बनाना = 50,000

चारा + दवा वार्षिक = 30,000


कुल लागत = 2,32,000 रुपये

1 साल बाद कमाई

20 बकरियाँ → औसतन 40 बच्चे (2 प्रति बकरी)

प्रति बच्चे का वजन 20–25 किलो

बाजार मूल्य → 6000–9000


40 × 7000 = ₹2,80,000 कमाई

यदि 6–7 बकरियाँ भी दूध देती हैं तो:

6 × 1 लीटर × 365 × 50 रु = ₹1,09,500


कुल अनुमानित वार्षिक कमाई: ₹3.5–4 लाख

सरकार की योजनाएँ

राज्य और केंद्र स्तर पर कई योजनाएं बकरी पालन के लिए अनुदान देती हैं:

राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM)

डेयरी एंटरप्राइज डेवलपमेंट स्कीम (DEDS)

SC/ST वर्ग के लिए विशेष अनुदान

NABARD लोन

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)


इन योजनाओं के तहत 25–60% तक सब्सिडी मिल सकती है।

7. शुरुआत करने वालों के लिए 15 महत्वपूर्ण टिप्स

हमेशा स्वस्थ और टीकाकृत बकरियाँ खरीदें

एक ही नस्ल से शुरुआत करें

मादा बकरियों पर ज्यादा ध्यान दें

बारिश के मौसम में शेड सूखा रखें

बच्चों को गर्म रखें

चारे में मिनरल मिक्स जरूर मिलाएँ

चराई + Stall Feeding दोनों तरीकों का उपयोग करें

रोज वजन चेक करें

मारेज के लिए 1 साल से छोटा नर न रखें

बीमार बकरी को तुरंत अलग करें

रिकॉर्ड मेंटेन करें

बकरियों की पहिचान के लिए टैग लगाएँ

समय पर किडिंग कराएँ

पानी कभी गंदा न रखें

बाजार में हमेशा सीधा बिक्री करें, दलालों से बचें

निष्कर्ष

बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो:

कम पूंजी से शुरू होता है

कम जोखिम वाला है

बहुत जल्दी पैसा देता है

हर किसान, बेरोजगार या युवा आसानी से शुरू कर सकता है


अगर इसे वैज्ञानिक तरीके से किया जाए, तो 5–10 बकरियों से शुरू करके आप 2–3 साल में ही 100–200 बकरियों का फार्म खड़ा कर सकते हैं।

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